WHAT DOES SHIV CHAISA MEAN?

What Does Shiv chaisa Mean?

What Does Shiv chaisa Mean?

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे Shiv chaisa आपका नाम नीलकंठ हुआ।

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।

काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे Shiv chaisa कलेशा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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